लॉर्ड ठाकुर: 2010 में नेट बॉलर से 2026 में स्टार बॉलर बनने तक का जबरदस्त सफर

ट्रेन के दरवाजे से वानखेड़े स्टेडियम देखने से लेकर आखिर में मुंबई इंडियंस के ड्रेसिंग रूम तक पहुंचने तक का उनका यह शानदार सफर, एमआई की सोच और पहचान को पूरी तरह से दिखाता है।

और वहीं, मुंबई इंडियंस एक नए सीजन की शुरुआत शार्दुल ठाकुर को टीम का हिस्सा बनाकर कर रही है। यही सही समय है उन कहानियों को याद करने का जो फ्रेंचाइजी की संस्कृति को परिभाषित करती है। पेश है शार्दुल, यानी लॉर्ड ठाकुर की अनकही कहानी।

युवा तेज गेंदबाज के लिए, मुंबई इंडियंस का सफर साल 2010 में एक सपोर्ट प्लेयर के रूप में शुरू हुआ, उस वक्त आईपीएल कॉन्ट्रैक्ट के बारे में सोचने का सवाल ही नहीं था। मुंबई इंडियंस के साथ बातचीत में उन्होंने बताया कि ड्रेसिंग रूम के शुरुआती अनुभव ने उनके पूरे करियर की दिशा तय की।

"मैं भाग्यशाली था कि मुझे अपने शुरुआती दिनों में ही ड्रेसिंग रूम का अनुभव करने का मौका मिला। मैं सीनियर खिलाड़ियों के सामने पहले से ही फ्री महसूस कर रहा था। मुंबई इंडियंस कैंप के दौरान मेरे साथ जिस तरह का बर्ताव किया गया, आगे चलकर मुंबई इंडियंस के उस छोटे से प्रयास ने मेरे करियर को आगे बढ़ाने में मेरी बहुत मदद की।"

नेट पर मजबूत प्रदर्शन ने जल्द ही बड़े मौके दिए।

"मुझे प्रैक्टिस मैच खेलने को कहा गया। मैंने नई गेंद से बॉलिंग की, जिससे मेरा हौसला और आत्मविश्वास बहुत ही बढ़ गया, और मैं विकेट भी ले रहा था।"

वह राहुल सांघवी और पारस महाम्ब्रे को हर रोज मार्गदर्शन देने के लिए शुक्रिया अदा करते हैं। सबसे खास पल था, दिग्गजों के साथ एक ही जगह साझा करना।

"मैं सचिन तेंदुलकर, हरभजन सिंह, मुनाफ पटेल, एंड्रयू साइमंड्स, रोहित शर्मा, अंबाती रायडू को देख रहा था... और मैं उनके साथ एक ही ड्रेसिंग रूम शेयर कर रहा था। यह मेरे लिए अविश्वसनीय था।"

हालांकि उनके सपने उससे भी पहले के हैं। उन दिनों के जब वह गुजरती ट्रेन से वानखेड़े स्टेडियम देखते थे। उन्होंने कहा, ‘जब भी ट्रेन स्टेडियम के पास से गुजरती, हम अपनी सीटों से उठकर दरवाजे के पास आते और कोशिश करते कि देख लें कि कौन प्रैक्टिस कर रहा है। दिग्गज सचिन तेंदुलकर को खेलते हुए देखना, बस उनकी एक झलक भर, हमें बहुत खुश कर देता था।

अब शार्दुल के मुंबई इंडियंस स्क्वाड में शामिल होने के साथ, वह अपने 'कैओस पार्टनर', यानि सिर्फ और सिर्फ शाना — रोहित शर्मा के साथ एकजुट हो गए हैं।

शार्दुल ने रोहित के साथ अपने रिश्ते के बारे में कहा, "अभी और पता चलेगा जब साथ बैठेंगे तो। काफी मस्ती होगी।" उन्होंने आगे कहा, "उन्होंने मुझे सहज बनाया, मुझे अपने साथ खुलकर रहने दिया, मुझे अपनी बात कहने की आजादी दी। हम एक-दूसरे के साथ सहज हो गए और इसमें उनकी अहम भूमिका रही।"

फ्लडलाइट्स में जगमगाते वानखेड़े स्टेडियम को देखने से लेकर अब एक MI खिलाड़ी के रूप में वहीं खेलने तक, उनका यह सफर एक शानदार कहानी बयां करता है। MI वह जगह है जहां मेहनत और उम्मीद मिलती है और सपनों को नई राह मिलती है।