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शेन बॉन्ड की रफ्तार ही बनी उनकी पहचान, जानिए एक तेज गेंदबाज से कोच बनने तक का उनका सफर

By Mumbai Indians

बॉन्ड, शेन बॉन्ड। ये गेंदबाज तेज़, खतरनाक और सटीक गेंदबाजी करने में माहिर है। वह रिचर्ड हेडली के बाद न्यूजीलैंड के सर्वश्रेष्ठ तेज गेंदबाजों में से एक हैं। चोटों से जूझने के बावजूद इस कीवी गेंदबाज ने एक क्रिकेटर के तौर पर हमेशा ही अपनी रफ्तार और धारदार गेंदबाजी को परिभाषित करने का काम किया है। 

इस तेज गेंदबाज के अंदर स्टंप उखाड़ने की क्षमता और पैरों की उंगलियों के पास गेंदबाजी करने की कला स्वाभाविक रूप से ही आ गई। उनकी तीव्रता और रफ्तार से समझौता न करने के जुनून ने उन्हें, दुनिया के सबसे खतरनाक बल्लेबाजों को भी टक्कर देने वाले बेहतरीन गेंदबाज़ों में शामिल कर दिया। 

वास्तव में, उनकी रफ्तार इतनी अधिक थी कि वह क्रिकेट में 150 किलोमीटर प्रति घंटे की तेज़ गेंदबाजी रिकॉर्ड को तोड़ने वाले पहले गेंदबाज बने। हालांकि, यह अफसोस की बात रही कि हमें उनके अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के दिनों में उनका बहुत अधिक खेल देखने को नहीं मिला, लेकिन वे जहां भी गए वहां अपनी छाप छोड़ने में सफल रहे।

ऐसा लगता है कि वह अपनी इस विशेषता को आज भी बरकरार रखे हुए हैं, इसलिए सबसे पसंदीदा और सम्मानित टीमों - न्यूजीलैंड और मुंबई इंडियंस के कोच के तौर पर वह कार्यरत हैं। वास्तव में एमआई के गेंदबाज भी कभी यह कहने से नहीं चूके हैं कि वह अपने काम में कितने अच्छे हैं।

गेंदबाजी में दिग्गज बनने तक का सफर

अक्सर बॉन्ड खुद की पीठ की समस्याओं, घुटने की चोटों, पेट में खिंचाव और तनाव वाले फ्रैक्चर की वजह से सर्जरी कराते हुए पाए गए हैं। उन्हें आलोचकों, शुभचिंतकों और सीनियर खिलाड़ियों ने सलाह भी दी कि वे अपनी इस रफ्तार को कम करें और अपने क्रिकेट करियर को लंबा चलाने के बारे में सोचें।

हालांकि, बॉन्ड ने अपनी रफ्तार से कभी समझौता नहीं किया। हर बार झटका लगने के बाद उन्होंने पूरे जोश और मजबूती के साथ वापसी की। वह 150 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार के आंकड़े को तोड़ने वाले दुनिया के पहले गेंदबाज बने। उनकी 156.4 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से कराई गई गेंद उस समय 2003 में सबसे तेज़ फेंकी गई गेंद थी, और उनका यह आंकड़ा अब भी शीर्ष आठ लोगों में से एक है। 

उनकी बाकी की गेंदबाजी टूलकिट भी पूरी तरह से सधी हुई रही। उनकी बाउंसर गेंद भी बहुत खतरनाक रही, जिससे उन्हें ब्रायन लारा जैसे बड़े हिटर गेंदबाजों को भी मात देने में मदद मिली।

उनका गेंद डालने का तरीका कुछ ऐसा था कि वह स्विंग होकर अंदर की ओर जाती थी, और उनकी तेज़ गति की वजह से यह स्विंग स्टंप उखाड़कर बल्लेबाजों को काफी परेशान करती थी। उनकी आउटस्विंग गेंद भी बिल्कुल सटीक रहती थी। क्रिस गेल के साथ उनका सामना होने पर भी हमें आंकड़ों में ऐसी ही स्थिति दिखाई देती है। बॉन्ड ने गेल के खिलाफ 18 बार आमना-सामना होने पर सात बार उनका विकेट झटका है, और यह उनकी घातक आउटस्विंगर ही थी जिसने यूनिवर्स बॉस को परेशान किया।

उनके यॉर्कर को अब तक की सबसे घातक और सटीक यॉर्कर में से एक बताया गया है। वास्तव में, उनकी गेंदबाजी देखने में तो बहुत अच्छी लगती थी, लेकिन उसका सामना करना किसी खतरे से कम नहीं था।

ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ प्रदर्शन

2007 विश्व कप तक ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट की दुनिया के अपराजित चैंपियन थे। उनके बल्लेबाजों के खिलाफ गेंद डालना किसी भी गेंदबाज के लिए एक बुरे सपने के जैसा होता था। ऐसे दौर में बॉन्ड ने ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों को बुरी तरह से परेशान कर दिया था।

2003 के विश्व कप में बॉन्ड ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अपना सबसे बेहतरीन प्रदर्शन किया। उन्होंने अपने फेंके गए 10 ओवर में 6 विकेट लिए, जिसमें एडम गिलक्रिस्ट, मैथ्यू हेडन, रिकी पोंटिंग, डेमियन मार्टिन (शीर्ष 4), ब्रैड हॉग और इयान हार्वे का विकेट शामिल है।

उस मुकाबले में उन्होंने 10 ओवर में 23 रन देते हुए 6 विकेट लिए, जिसमें से उन्होंने दो मेडन ओवर डाले। इसके साथ ही उन्होंने अपनी 60 गेंदों में 45 डॉट बॉल डालीं। उनके कुल 147 एकदिवसीय विकेट में से 44 विकेट ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 15.79 के शानदार स्ट्राइक रेट से रहे। रिकी पोंटिंग उनके मुख्य लक्ष्य रहे और बॉन्ड ने पहली छह एकदिवसीय पारियों में उनका विकेट झटका।

शेन बॉन्ड की इकलौती हैट्रिक भी ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ रही, जो उन्होंने 2007 विश्व कप में ली थी। इसमें खतरनाक एंड्रयू साइमंड्स का विकेट भी शामिल था, और उस मुकाबले में उन्होंने कुल चार विकेट झटके थे।

वर्ल्ड कप 2003, 2007 में बेहतरीन फॉर्म में रहे

बॉन्ड ने न्यूजीलैंड टीम के लिए दो विश्व कप में तेज गेंदबाजी का नेतृत्व किया। वह खासतौर पर 2003 के टूर्नामेंट में शानदार फॉर्म में नज़र आए थे, जिससे विरोधी टीमों को काफी अधिक नुकसान हुआ था। विशेष रूप से ऊपर बताए गए 6/23 का प्रदर्शन उस संस्करण की चैंपियन टीम के खिलाफ रहा।

2003 विश्व कप में कुल 17 विकेट झटकने के साथ ही वह 17.94 के बेहतरीन औसत के साथ शीर्ष 5 विकेट लेने वाले गेंदबाजों में शामिल थे। उस वर्ष वह सही मायने में न्यूजीलैंड का सर्वश्रेष्ठ गेंदबाज था, जिसने कुछ असाधारण और यादगार प्रदर्शन किए।

2007 विश्व कप में बॉन्ड ने 16.38 के औसत से 13 विकेट झटके। इस दौरान उन्होंने 3.05 का बेहतरीन इकॉनमी रेट भी दर्ज किया। वह न्यूजीलैंड के लिए सबसे सफल तेज गेंदबाज रहे और सभी गेंदबाजों में वह डेनियल विटोरी से थोड़ा ही पीछे रहे। इन दोनों संस्करण में उन्होंने विरोधी टीम के बल्लेबाजों को पवेलियन वापस लौटाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

उन्होंने कई शारीरिक समस्याओं से घिरे रहने के बाद 2009 में संन्यास ले लिया। इन शारीरिक समस्याओं में उनका रीढ़ की हड्डी में टाइटेनियम के तार का लगाया जाना भी शामिल था। वह सबसे तेज 50 टेस्ट विकेट (12 मैचों में) और 100 एकदिवसीय विकेट (54 मैचों में) लेने वाले कीवी गेंदबाज थे। कुल मिलाकर वह उस समय सकलैन मुश्ताक के ठीक बाद दूसरे स्थान पर थे, इससे पहले राशिद खान और मिशेल स्टार्क ने उन्हें पीछे कर दिया था। हालांकि, वह दो दशक बाद भी चौथे स्थान पर बने हुए हैं।

बॉन्ड के अपने अंतरराष्ट्रीय करियर से संन्यास लेने के बाद कीवी टीम के लिए उनकी जगह को भरना काफी मुश्किल था। प्रशंसकों के लिए हम कुछ खास नहीं कह सकते हैं, लेकिन यह देखना दिलचस्प होगा कि हम उन्हें आगे क्या कुछ करते हुए देख सकते हैं, क्योंकि उनका करियर तो चोटों की वजह से काफी छोटा रहा था।

वर्तमान खिलाड़ियों के लिए एक रोल मॉडल के रूप में और एक गेंदबाज के रूप में 90 के दशक के बच्चों के लिए प्रेरणा बने इस दिग्गज गेंदबाज से हम काफी लम्बे समय तक अपना प्रदर्शन जारी रखने की उम्मीद कर रहे थे। इसलिए हम उनके जन्मदिन पर, न केवल एमआई और न्यूजीलैंड के गेंदबाजी कोच के रूप में याद करेंगे, बल्कि एक बेहतरीन क्रिकेटर के रूप में भी याद करेंगे, जिनकी गेंदबाजी की रफ्तार की मिलान आज भी दुनिया के कुछ मुट्ठी भर क्रिकेटर ही कर पाते हैं।