वानखेड़े स्टेडियम में खेले गए वर्ल्ड कप के यादगार मुकाबलों पर एक नजर
वानखेड़े स्टेडियम क्रिकेट का वो मैदान है जो कई यादगार मुकाबलों का गवाह बना है। यही वजह है कि यह मैदान सभी क्रिकेट प्रेमियों के दिल के काफी करीब है। यहीं पर मेन इन ब्लू ने 2011 में प्रतिष्ठित ICC वनडे विश्व कप जीता था।
36 वर्षों में तीन विश्व कप संस्करण और एक कभी न भूलने वाला ऐतिहासिक लम्हा, हम वानखेड़े स्टेडियम के यादगार पल और क्रिकेट वर्ल्ड कप मुकाबलों की इसकी सफल मेजबानी की यादों को फिर से ताजा करने के साथ इसका जश्न मना रहे हैं।
1: भारत बनाम जिम्बाब्वे, 17 अक्टूबर 1987 (भारत आठ विकेट से जीता)
आईसीसी एकदिवसीय विश्व कप के गत विजेता कपिल देव की टीम ऑस्ट्रेलिया से हार और न्यूजीलैंड के खिलाफ जीत के साथ इस मैच में खेलने उतरी।
भारत ने जिम्बाब्वे को पहले बल्लेबाजी करने के लिए आमंत्रित किया और चेतन शर्मा (2/41) और कपिल देव (2/44) की शानदार गेंदबाजी के दम पर मेजबान टीम ने जिम्बाब्वे को 191/7 पर रोक दिया।
जवाब में, नवजोत सिंह सिद्धू (55) और सुनील गावस्कर (50) के अर्धशतकों के साथ-साथ दिलीप वेंगसरकर (33*) और कपिल देव (41) की नाबाद पारियों की बदौलत भारत ने 42 ओवर में 192 रन का लक्ष्य हासिल कर लिया।
2: भारत बनाम इंग्लैंड, 5 नवंबर, 1987 (इंग्लैंड 35 रन से जीता)
यह 1983 में खेला गया सेमीफाइनल मुकाबले की दो टीमों के बीच का मैच था। लेकिन इस बार कहानी कुछ अलग तरीके से लिखी गई। पिछली बार भारत ने इंग्लैंड को इंग्लैंड में हराया था, लेकिन इस बार इंग्लैंड ने भारत को भारत में हरा दिया।
ग्राहम गूच के 115 रन और माइक गैटिंग के अर्धशतक (56) की मदद से इंग्लैंड ने 254/6 का स्कोर बनाया। भारत की तरफ से मनिंदर सिंह (3/54) ने अच्छी गेंदबाजी की। दूसरी ओर, भारत नील फोस्टर (3/47) और एडी हेमिंग्स (4/52) की दमदार गेंदबाजी के सामने लड़खड़ा गया और सिर्फ 219 रन ही बना पाया।
3: भारत बनाम ऑस्ट्रेलिया, 27 फरवरी, 1996 (ऑस्ट्रेलियाई टीम 16 रन से जीती)
हालांकि, भारत को ऑस्ट्रेलिया के हाथों 16 रन से हार का सामना करना पड़ा, लेकिन यह मैच इस बात के लिए याद किया जाता है कि ऑस्ट्रेलियाई टीम को इतिहास में दूसरी बार वनडे विश्व कप की एक पारी में पांच रन आउट का सामना करना पड़ा (पहला मौका: वेस्टइंडीज के खिलाफ 5 रन आउट, लॉर्ड्स, 1975 विश्व कप फाइनल)।
इस बीच, स्टीव वॉ के शतक (126) की बदौलत ऑस्ट्रेलियाई टीम ने 258 रन बनाए। शुरुआती विकेट गिरने के बाद भारत का स्कोर 7/2 था, सचिन तेंदुलकर (90) और संजय मांजरेकर (62) ने भारतीय पारी को संभालने की पूरी कोशिश की। लेकिन, डेमियन फ्लेमिंग (5/36) के पांच विकेट ने मेजबान टीम को जीत से दूर कर दिया।
4: न्यूजीलैंड बनाम कनाडा, 13 मार्च 2011 (न्यूजीलैंड 97 रनों से जीता)
भले ही इस मैच को न्यूजीलैंड ने ब्रेंडन मैकुलम (101), रॉस टेलर (74) और जेम्स फ्रैंकलिन (8 गेंदों में 31*) की शानदार बल्लेबाजी के दम पर जीत लिया लेकिन इस मैच में कनाडा ने टेस्ट खेलने वाले देश के खिलाफ अपना उच्चतम स्कोर (261/9) खड़ा किया था।
5: श्रीलंका बनाम न्यूजीलैंड, 18 मार्च 2011 (श्रीलंका 112 रन से जीता)
कनाडा के खिलाफ पिछले गेम में अपने प्रभावशाली प्रदर्शन के बाद, कीवी टीम अपने अंतिम ग्रुप स्टेज आउटिंग में श्रीलंका के खिलाफ जीत दर्ज करने में असफल रही। कुमार संगाकारा के 128 गेंदों में 111 रन और महेला जयवर्धने के 66 रन की बदौलत श्रीलंका ने 265/9 का स्कोर खड़ा किया।
इसके बाद श्रीलंकाई गेंदबाजों ने न्यूजीलैंड की बल्लेबाजी को तहस-नहस कर दिया, जिसमें मुथैया मुरलीधरन (4/25) ने शानदार गेंदबाजी का मुज़ाहिरा करते हुए न्यूजीलैंड की टीम को 35 ओवरों में 153 रनों पर ऑल आउट कर दिया।
6: भारत बनाम श्रीलंका, 2 अप्रैल, 2011 (भारत 6 विकेट से जीता)
भारत के नजरिए से यह अब तक का सबसे यादगार ICC एकदिवसीय विश्व कप मुकाबला खेला गया है। वो दिन जब सचिन तेंदुलकर ने वनडे वर्ल्ड कप जीतने के सपने को पूरा किया, वो दिन जब भारत ने वर्ल्ड कप के 28 साल के इंतजार को खत्म किया; वो दिन जब टीम इंडिया घरेलू धरती पर वनडे विश्व कप जीतने वाली पहली मेजबान टीम बनी - हम एमआई पल्टन और भारतीय क्रिकेट प्रशंसकों की ओर से कह सकते हैं कि यह बातें अभी भी हमारे ज़ेहन में ताजा हैं जैसे कि यह कल ही हुआ हो।
महेला जयवर्धने की 88 गेंदों में नाबाद 103 रनों की पारी की बदौलत श्रीलंका ने 50 ओवर में 274/6 रनों का स्कोर खड़ा किया। इससे पहले अभी तक वर्ल्ड कप के फाइनल मुकाबले में किसी भी टीम ने 250 से अधिक का स्कोर चेज नहीं किया था। गौतम गंभीर ने अपनी टीम की इस यादगार जीत में 97 रन की पारी खेली जबकि कैप्टन कूल एमएस धोनी ने 79 गेंदों में नाबाद 91 रन की पारी के साथ यह सुनिश्चित किया कि वर्ल्ड कप 2011 पर आखिरी मुहर टीम इंडिया की ही लगे।
वो यादगार लम्हा जब नुवान कुलासेकरा की गेंद पर लॉन्ग-ऑन पर धोनी ने छक्का लगाकर भारतीय क्रिकेट प्रशंसकों को कभी न भूलने तोहफा दिया।
वानखेड़े स्टेडियम (मुंबई) में खेले गए ICC वनडे वर्ल्ड कप मैच
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विश्व कप संस्करण |
राउंड |
टीम |
विपक्षी टीम |
नतीजा |
1987 |
ग्रुप स्टेज |
भारत |
जिम्बाब्वे |
भारत आठ विकेट से जीता |
1987 |
सेमीफाइनल |
भारत |
इंग्लैंड |
इंग्लैंड 35 रनों से जीता |
1996 |
ग्रुप स्टेज |
भारत |
ऑस्ट्रेलिया |
ऑस्ट्रेलिया 16 रनों से जीता |
2011 |
ग्रुप स्टेज |
न्यूजीलैंड |
कनाडा |
न्यूजीलैंड 97 रनों से जीता |
2011 |
ग्रुप स्टेज |
श्रीलंका |
न्यूजीलैंड |
श्रीलंका 112 रनों से जीता |
2011 |
फाइनल |
भारत |
श्रीलंका |
भारत 6 विकेट से जीता |