राहुल चाहर के राजस्थान की पटरी से उतरकर मुंबई इंडियंस के फ्रंटलाइन स्पिनर बनने तक का सफर

सबसे पहले वानखेड़े में बेहतरीन इकॉनमी रेट का प्रदर्शन। इसके बाद यूएई में तीन आईपीएल मुकाबलों को अपने नाम करना और फिर एमए चिदंबरम स्टेडियम में कमाल दिखाना। जी हां, हम बात कर रहे हैं मुंबई इंडियंस टीम में राहुल चाहर के कुछ शानदार प्रदर्शनों की। हालांकि, इस युवा लेग स्पिनर के लिए चीजें शुरुआत से ही ऐसी नहीं थीं। उनकी कहानी में कई मुश्किल और असमंजस वाले मोड़ आते हैं।

परिवार के साथ ट्रेनिंग

राहुल ने अपने चाचा और दीपक चाहर के पिता व ट्रेनर लोकेंद्र चाहर के सानिध्य में अपनी ट्रेनिंग शुरू की। दोनों गेंदबाजों ने एक पेसर के रूप में अपनी शुरुआत की, लेकिन राहुल की स्पिन करने की क्षमता को पहचानने के बाद, उनके चाचा ने उन्हें उस विकल्प पर जोर देने का फैसला किया और इसके बाद उन्हें धीरे-धीरे एक लेग स्पिनर बनने के लिए जरूरी टिप्स और तकनीक समझाई।

बचपन में दोनों भाई एक साथ प्रैक्टिस करते, और घरेलू क्रिकेट सर्किट में वह राजस्थान का प्रतिनिधित्व करते हैं। उन्होंने 2017 में एक साथ आईपीएल में राइजिंग पुणे सुपरजायंट्स टीम में हिस्सा लिया।

घटित हुई दिल टूटने वाली घटना

इस दौरान 17 वर्षीय राहुल चाहर को 2017 अंडर-19 विश्व कप में हिस्सा ले सकने के हिसाब से तैयार किया गया था। वह उस टूर्नामेंट में खेलने को लेकर काफी उत्साहित भी थे। उम्मीदों से भरे हुए इस युवा खिलाड़ी ने उस वक्त कहा था, "अभी तो मैं अगले साल होने वाले U-19 विश्व कप पर ध्यान केंद्रित कर रहा हूं और वहां अच्छा प्रदर्शन करना चाहता हूं, उससे आईपीएल में खेलने का मौका मिलने की उम्मीद भी बढ़ेगी।”

हालांकि, उन्हें उसमें हिस्सा लेने के लिए बुलावा नहीं आया।

जब बीसीसीआई ने नामों की घोषणा की, तो वह एक स्टैंडबाई खिलाड़ी के अलावा और कुछ नहीं थे। जिसमें वह अपना पूरा दिल लगा रहे थे, उस टूर्नामेंट में शामिल नहीं होने से उनका दिल टूट गया।

लेकिन उनका आत्मविश्वास इतना कमजोर नहीं था। इस युवा खिलाड़ी ने नवंबर 2016 में ओडिशा के खिलाफ राजस्थान के लिए खेलते हुए प्रथम श्रेणी क्रिकेट में अपना डेब्यू किया। इसके कुछ ही महीने बाद उन्हें राइजिंग पुणे सुपरजायंट्स कैंप में दुनिया के कुछ सबसे बड़े क्रिकेटरों के साथ ड्रेसिंग रूम साझा करने का मौका मिला।

वहां पर राहुल ने अपने खेले गए तीन मैचों में हाशिम अमला और ब्रेंडन मैकुलम के विकेट चटकाए। टीम में इमरान ताहिर भी थे – जो खुद एक अनुभवी लेग स्पिनर थे। जब भी राहुल के ऊपर आईपीएल के बाद सवालों की बौछार होती थी,  तो उन्होंने तुरंत उसका जवाब भी दिया।

इसके अलावा उन्होंने इंग्लैंड के दौरे पर भारत की अंडर-19 टीम के साथ यात्रा की। जहां उन्होंने शानदार प्रदर्शन करते हुए सिर्फ चार वनडे मैचों में 10 विकेट झटके। जिसके बाद उनके इस प्रदर्शन से सभी स्तब्ध रह गए।

राहुल द्रविड़ का सुझाव और उम्मीद की तलाश

उनके कोच और अंडर-19 कैंप के मेंटर राहुल द्रविड़ ने इस इवेंट के बाद राहुल के लिए प्रोत्साहन में कुछ शब्द कहे थे। राहुल चाहर ने बताया, “टीम की घोषणा से पहले ही द्रविड़ सर ने मुझे फोन किया था और कहा था कि मैं इसमें शामिल नहीं हूं। उन्होंने माफी मांगी और मुझे समझाया कि वह इस बारे में कुछ नहीं कर सकते, क्योंकि चयनकर्ता मेरे पक्ष में नहीं थे। सर ने मुझे आत्मविश्वास बनाए रखने और खुद पर भरोसा करने के लिए कहा।”

युवा खिलाड़ी को यह भी पता था कि कलाई से गेंद को स्पिन करने की क्षमता के चलते उन्हें एक अलग फायदा होगा। इसे समझाते हुए उन्होंने कहा, “आजकल कलाई से स्पिन करने की बहुत सराहना की जाती है। इससे दूसरे देशों के खिलाड़ियों को गेंद समझने में काफी कठिनाई होती है। इसलिए मैं इंग्लैंड दौरे के दौरान काफी प्रभावी गेंदबाज रहा।"

“भारत के लेग स्पिनर गेंदबाजों के साथ अच्छा प्रदर्शन करने पर मुझे लगता है कि मुझे मुंबई इंडियंस के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने की जरूरत है। हालांकि वानखेड़े स्टेडियम में पिच सपाट है, लेकिन उसमें उछाल है। अपनी लम्बाई के साथ मैं इसे अपने फायदे के लिए इस्तेमाल कर सकता हूं। यह मेरी प्रतिभा को दिखाने और राष्ट्रीय स्तर पर पहचान में आने के लिए एक अच्छा मंच होगा।”

खुद में धैर्य रखते हुए और अपने दिल में उम्मीद की रोशनी जलाए राहुल चाहर अपने क्रिकेट के सफर में आने वाली बड़ी चीज़ों पर नज़र बनाए हुए हैं।

मुंबई इंडियंस के साथ राहुल चाहर का सफर

2018 में सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में राहुल ने 4 मैचों में 6.38 के बेहतरीन इकॉनमी रेट से 6 विकेट लिए। इस प्रदर्शन ने आईपीएल नीलामी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। जिसके बाद 1.9 करोड़ में इस अनकैप्ड भारतीय खिलाड़ी को मुंबई इंडियंस के द्वारा खरीदा गया।

हालांकि, आईपीएल 2018 में राहुल को एक भी मैच में खेलने का मौका नहीं मिला। 2019 में आते-आते उनमें जो आत्मविश्वास जागा, वह शानदार था! राजस्थान रॉयल्स और दिल्ली कैपिटल्स के खिलाफ लगातार दो मुकाबलों में तीन-तीन विकेट दुनिया को यह बताने के लिए काफी थे कि यह युवा खिलाड़ी क्या करने में सक्षम है। उन्होंने मुंबई इंडियंस के लिए 16 में से 13 मैच खेले और इस दौरान उन्होंने 6.55 के इकॉनमी रेट से 13 विकेट लिए।

यही वह सीजन था जिसमें ब्लू एंड गोल्ड में इस नए लड़के की ओर सभी को अपना ध्यान देने के लिए प्रेरित किया। और तभी टीम ने भी यह फैसला किया कि वह अब मुंबई इंडियंस के फ्रंटलाइन स्पिनर होने की जिम्मेदारी लेने के लिए पूरी तरह से सक्षम हैं।

2020 में आईपीएल यूएई में हुआ। बड़े मैदान और राहुल के लिए अन्य मैदानों के अपेक्षाकृत अधिक अनुकूल परिस्थितियों का मतलब था कि उन्हें इसका ज्यादा से ज्यादा लाभ उठाना था। यहीं से उन्होंने बीच के ओवरों में एक किफायती गेंदबाज की भूमिका निभाने से लेकर किसी भी समय आक्रामक गेंदबाजी और विकेट लेने की क्षमता में अपना परिवर्तन किया।

आंकड़े भले ही यह दर्शाते हैं कि उन्होंने 2020 में 15 मैचों में सिर्फ 15 विकेट लिए, लेकिन टीम के खिताब को बचाने में उनका योगदान बहुत अहम रहा। वह सेफ मोड से अटैकिंग मोड में चले गए, और उन्होंने खेल के प्रति अपने दृष्टिकोण में भी बदलाव किए, और पूरी सीरीज में शीर्ष-क्रम वाले बल्लेबाजों के पसीने छुड़ाने का काम करते रहे।

2021 में राहुल एक परिपक्व और शानदार गेंदबाज के रूप में सामने आए। चेन्नई में कम स्कोरिंग वाले लक्ष्य को डिफेंड करने में उन्होंने अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया। केकेआर के खिलाफ उनका 27 रन देकर 4 विकेट झटकने का आंकड़ा अब तक का सबसे अच्छा आंकड़ा है। इस पारी में उन्होंने लगभग अकेले दम पर ही एमआई को जीत की ओर ढ़केलने का काम किया।

2021 में खेले गए 7 मैचों में राहुल चाहर ने 15.27 के शानदार स्ट्राइक रेट से कुल 11 विकेट हासिल किए! इसलिए जहां विपक्षी टीमें बुमराह और बोल्ट की घातक जोड़ी का तोड़ निकालने का सोचकर मैदान में उतरीं, तो उन्हें चाहर के तौर पर एक दूसरी मुश्किल का सामना करना पड़ा। सच कहें तो इस तरह के कलाई के स्पिनर के लिए टीमें तैयार ही नहीं थीं!

भारतीय टीम के लिए बुलावा

मुंबई इंडियंस के साथ 2019 आईपीएल सीज़न में शानदार प्रदर्शन करने के बाद राहुल को अगस्त 2019 में वेस्टइंडीज के भारत दौरे के लिए भारतीय क्रिकेट टीम में शामिल होने के लिए बुलावा आया। उन्होंने अपने डेब्यू में 3-0-27-1 का प्रदर्शन किया।

अभी भी अपने अंतरराष्ट्रीय करियर के शुरुआती चरण में होने के कारण इस खिलाड़ी ने अपने खेल पर काफी काम किया है। राहुल चाहर दिमाग के खेल को समझते हैं, और हम मैच के बाद बल्लेबाजों को काउंटर करने के लिए खुद को तैयार करते हैं और हर बार उन्हें किसी न किसी तरह चौंकाने में कामयाब होते हैं।

कलाई का स्पिनर होने के नाते, और कम उम्र के साथ इस युवा खिलाड़ी का भविष्य उज्ज्वल नज़र आता है। वह सिर्फ ऐसे व्यक्ति नहीं हैं जो गेंद को अच्छी तरह से घुमा सकते हैं, बल्कि वह अपनी अलग-अलग स्पिन गेंदों के जाल में बल्लेबाजों को फंसाने की भी क्षमता रखते हैं। इसके साथ ही टीम को जीत दिलाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका और जिम्मेदारी को भी समझते हैं। वह उभरते हुए एक बड़े गेंदबाज़ हैं जिनसे बल्लेबाजों को सतर्क रहना होगा। उम्मीद है कि वह बहुत जल्द ही फिर एक्शन में नज़र आएंगे!