एक सहायक गेंदबाज से लेकर यादगार डेब्यू करने तक, कार्तिकेय के इस सफर पर डालें एक नजर

इस सप्ताह की शुरुआत में कुमार कार्तिकेय सिंह अपने रेगुलर रूटीन को फॉलो कर रहे थे।

बाएं हाथ के स्पिनर कार्तिकेय ने 2019 में डेब्यू के बाद से मध्य प्रदेश के लिए नौ T20 मैच खेले हैं। वह टीम के लिए एक सहायक गेंदबाज थे। वह नेट प्रैक्टिस के दौरान बल्लेबाजों की मदद कर रहे थे, तभी उन्हें अचानक एक मौका मिल गया।

दरअसल, हमारे ऑलराउंडर मोहम्मद अरशद खान दुर्भाग्य से चोटिल हो गए और उन्हें इस सीजन से बाहर होना पड़ा। इस परिस्थिति ने कार्तिकेय के लिए उनके सपने को पूरा करने का रास्ता खोल दिया।

इस स्पिनर को अरशद की जगह लाने के लिए तैयार किया गया था और उनकी प्रतिक्रिया से यह जानना काफी आसान हो जाएगा कि उन्हें इस औचक बदलाव से कैसा महसूस हो रहा था।

कार्तिकेय ने अपने पहले इंटरव्यू में कहा, “यह अभी भी एक सपने जैसा लगता है। जब मैंने जर्सी पहनी थी, तो मैं खुद को आईने में देख रहा था। मैं पहले अपने कोच और फिर अपने माता-पिता को बताऊंगा। उनकी प्रतिक्रिया बेहद खास होगी। उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि मैं यहां तक पहुंचूंगा।”

उनके पिता श्यामनाथ सिंह, जो झांसी पुलिस बल का हिस्सा हैं - उन्होंने भी अपनी खुशी व्यक्त की।

“जब मुझे कॉल आया तो मैं बहुत खुश था और उसने मुझे एमआई जर्सी के साथ अपनी तस्वीरें भेजीं। मेरे लिए यह गर्व का पल था कि एक पुलिसकर्मी का बेटा टाटा आईपीएल में खेलेगा। अगर वह किसी दिन भारत के लिए खेलेगा तो मुझे और भी अधिक खुशी होगी!”

यह एक ऐसे खिलाड़ी के लिए एक बड़ा इनाम था, जिसने कभी भी कड़ी मेहनत करना बंद नहीं किया था और कभी भी परिस्थितियों से प्रभावित नहीं हुआ था।

उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर में जन्मे कार्तिकेय ने वहां क्रिकेट खेलना शुरू किया लेकिन उन्हें खेलने के ज्यादा मौके नहीं मिले।

इसके बाद उन्हें किसी ने सुझाव दिया कि वह दिल्ली चले जाएं, जहां उन्होंने कोच संजय भारद्वाज के देख रेख में प्रशिक्षण लिया। हालांकि, उनकी किस्मत नहीं बदली और कोच ने उन्हें घरेलू क्रिकेट खेलने के मौके की तलाश में मध्य प्रदेश जाने की सलाह दी।

यहीं पर कार्तिकेय सुर्खियों में आए। उन्होंने एमपी के लिए लिस्ट-ए फॉर्मेट में अपना पहला घरेलू मैच खेला, जिसमें उन्होंने 10 ओवर में 1 विकेट लेकर महज 28 रन दिए।

इसके बाद वह मध्य प्रदेश के लिए रणजी ट्रॉफी में खेले, जहां अपने तीसरे मैच में हिमाचल प्रदेश के खिलाफ पहली पारी में 6/28 सहित 9/86 का गेंदबाजी आंकड़ा दर्ज किया। उनके इस प्रदर्शन ने टीम को 140 रनों से जीत दिलाई।

कार्तिकेय ने राज्य के लिए अपना T20 डेब्यू 2019 में सिक्किम के खिलाफ किया। उन्होंने 4 ओवरों में 3/10 का गेंदबाजी आंकड़ा दर्ज किया और यह इस बात का संकेत था कि चीजें काफी अच्छी होने वाली हैं।

मध्य प्रदेश के लिए नौ t20 मैचों में, कार्तिकेय ने 5.29 के जबरदस्त इकॉनमी रेट से 10 विकेट झटके।

28 अप्रैल को औपचारिक रूप से MI टीम में शामिल होने के बाद इस स्पिनर के पास एक और सरप्राइज था।

30 अप्रैल को कप्तान रोहित शर्मा अपना जन्मदिन मना रहे थे। उस समय बाकी थिंक-टैंक को लगा कि उन्होंने काफी कुछ अनुभव किया है और इसलिए कार्तिकेय को राजस्थान रॉयल्स के खिलाफ अपना टाटा आईपीएल डेब्यू करने का मौका दिया।

और वह इस विश्वास पर खरे उतरे। आठवें ओवर में गेंदबाजी करने के लिए लाए गए कार्तिकेय ने अपनी दूसरी गेंद पर ही विरोधी कप्तान और खतरनाक संजू सैमसन को डीप प्वाइंट पर कैच करा दिया।

उन्होंने भले ही सिर्फ एक विकेट लिया हो लेकिन उनके प्रदर्शन का सबसे प्रभावशाली हिस्सा उनकी गेंदबाजी में बदलाव रहा।

कार्तिकेय ने नियमित रूप से बाएं हाथ की ऑफ-स्पिन गेंदबाजी की और गेंद को अपने हाथ के पिछले हिस्से से छोड़ने का प्रयास किया ताकि गेंद ज्यादा से ज्यादा घूमे। इसके साथ ही उन्होंने गेंद को अपनी उंगलियों से धक्का देकर स्किड कराने की कोशिश की, जिससे आरआर बल्लेबाज लगातार अनुमान लगाते नजर आए।

उन्होंने अंततः अपने चार ओवरों को 1/19 के शानदार आंकड़े के साथ समाप्त किया और बाद में मुख्य कोच महेला जयवर्धने की प्रशंसा हासिल करते हुए ड्रेसिंग रूम प्लेयर ऑफ द मैच जीता।

हमें यकीन है कि उनके माता-पिता गर्व से मुस्करा रहे होंगे, क्योंकि उनके बेटे ने बड़े मंच पर अपने डेब्यू को एक अलग ही अंदाज में किया है!