जानें वनडे वर्ल्ड कप में भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ 7-0 के विजयरथ को कैसे जारी रखा

वॉर ऑफ द टाइटंस, भारत बनाम पाकिस्तान… क्रिकेट जगत की सबसे पुरानी और मशहूर प्रतिद्वंद्विता हैं, जहां मैच का रोमांच अपने सातवें आसमान पर होता है। यहां प्रतिद्वंद्वी एक साथ मजबूत होकर दमदार प्रदर्शन करते हैं, और इस द्वंद की खास बात ये है कि इसमें विजेता सिर्फ क्रिकेट होता है। 

13 वर्ल्ड कप में सात बार आमना सामना होना। हर IND बनाम PAK मुकाबले का परिणाम कैसा रहा? हमने इसके बारे में यहां बताया है। हमसे जुड़ें क्योंकि हमारा लक्ष्य महामुकाबले के लिए खुद के अंदर जोश को दोगुना करने के लिए मेन इन ब्लू के पुराने मैचों की शानदार यादों को एक बार फिर जीना है।

1: भारत बनाम पाकिस्तान, 4 मार्च, 1992 (भारत 43 रनों से जीता)

जब सचिन तेंदुलकर ने टूर्नामेंट में अपने 15 अर्धशतकों में से पहला अर्धशतक जड़ा और खुद को CWC के दिग्गज खिलाड़ी के रूप में साबित करने के सफर का आगाज किया।

भारत ने पहले बल्लेबाजी की और सचिन के 62 गेंदों में नाबाद 54 रनों की बदौलत मेन इन ब्लू ने 49 ओवरों में 216/7 रोनों का स्कोर खड़ा किया। लेकिन अभी उनका काम पूरा नहीं हुआ था, क्योंकि उन्हें अपनी गेंदबाजी का भी नमूना दिखाना अभी बाकी था। पाकिस्तान के बल्लेबाजी क्रम को ध्वस्त करने के लिए मनोज प्रभाकर (2/22), कपिल देव (2/30) और जवागल श्रीनाथ (2/37) के साथ सचिन भी शामिल हो गए। और उन्होंने अपने नाम 1/37 का आंकड़ा दर्ज किया। पाकिस्तान की पूरी टीम 48.1 ओवर में 173 रनों पर सिमट गई।

 

2: भारत बनाम पाकिस्तान, 9 मार्च, 1996 (भारत 39 रनों से जीता)

यह ड्रामे से भरपूर रहा: जब सह-मेजबान बने प्रतिद्वंद्वी और इसके बाद क्वार्टर फाइनलिस्ट बन गए।

भारत ने अपनी पहली पारी में 287/8 रन बनाए, जिसमें नवजोत सिंह सिद्धू (93) और अजय जडेजा (45) ने मुश्ताक अहमद (2/56) और वकार यूनिस (2/67) की गेंदबाजी के आगे अपनी पारी को संभालकर रखा। जब हमारे गेंदबाजों की बारी आई, तो वेंकटेश प्रसाद (3/45) और अनिल कुंबले (3/48) ने PAK की बल्लेबाजी को कमजोर करने के लिए अहम विकेट लिए और इसी के साथ भारत ने अपने प्रतिद्वंद्वी के खिताब को डिफेंड करने की कोशिश को नाकाम कर दिया।

3: भारत बनाम पाकिस्तान, 8 जून 1999 (भारत 47 रन से जीता)

मैदान के बाहर भारत और पाकिस्तान के तनावपूर्ण रिश्तों को देखते हुए यह एक भावनात्मक जीत थी।

भारत की शानदार बल्लेबाजी की शुरुआत सचिन ने की। उन्होंने 65 गेंदों में 45 रन की पारी खेली। इसके साथ ही राहुल द्रविड़ (61) और कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन (59) के अर्धशतक भी शामिल रहे, जिनकी मदद से मेन इन ब्लू 227/5 का स्कोर खड़ा किया।

वेंकटेश प्रसाद (5/27) ने 228 रनों का पीछा करने उतरे पाकिस्तानी बल्लेबाजों को अपनी शानदार गेंदबाजी से भारत की जीत में अहम योगदान दिया। उन्होंने खतरनाक बल्लेबाजी कर रहे सईद अनवर (36), इंजमाम-उल-हक (41) और मोइन खान (34) को सही वक्त पर अपना शिकार बनाकर पाकिस्तानी टीम की कमर तोड़ दी। वहीं, 3/37 के आंकड़े के साथ जवागल श्रीनाथ भी पीछे नहीं रहे। उन्होंने प्रसाद का पूरा साथ दिया।

4: भारत बनाम पाकिस्तान, 1 मार्च 2003 (भारत 6 विकेट से जीता)

सचिन तेंदुलकर की रनों की बौछार। भारत बनाम पाक। होली। एक ही दिन में तीन खास मौके जिन्हें 2000 के दशक का उत्साही भारतीय क्रिकेट प्रेमी कभी नहीं भूलेगा।

इसकी शुरुआत सईद अनवर के शतक से हुई - जो पाकिस्तान के 273/7 के स्कोर में एकमात्र सर्वाधिक रन बनाने वाले खिलाड़ी थे। साथ ही उन्होंने इस मैच में विश्व कप के इतिहास में पहली बार भारत के खिलाफ टॉस जीता था। वहीं, जहीर खान (2/46) और आशीष नेहरा (2/74) ने साबित कर दिया कि वे भारत की तेज गेंदबाजी का नए स्टार बनने के लिए तैयार हैं।

274 रनों का पीछा करते हुए, भारत ने छठे ओवर में वकार यूनिस की लगातार गेंदों पर वीरेंद्र सहवाग और सौरव गांगुली के विकेट गंवाए। हालांकि, सचिन तेंदुलकर ने मुकाबले से पहले पाकिस्तान के खिलाफ 1,000 से अधिक एकदिवसीय रन बनाकर साबित कर दिया कि क्यों उन्हें आगे चलकर क्रिकेट के भगवान के रूप में जाना जाएगा। सचिन ने 75 गेंदों में 98 रन बनाए।

130.66 की स्ट्राइक रेट और वह यादगार रन जो सचिन ने शोएब अख्तर की गेंद पर बनाए। उनके शानदार प्रदर्शन ने जीत की मजबूत नींव रखी। इसके बाद युवराज सिंह (50*) और राहुल द्रविड़ (44*) ने छह विकेट और 26 गेंद बाकी रहते लक्ष्य को आसानी से पूरा किया।

5: भारत बनाम पाकिस्तान, 30 मार्च, 2011 (भारत 29 रनों से जीता)

ये वो मैच था जिसमें सचिन तेंदुलकर ने अपने शानदार खेल के प्रदर्शन से सभी का दिल जीत लिया। क्रीज पर लगभग तीन घंटे तक रहने के दौरान सईद अजमल की गेंद पर वह 115 गेंदों में 85 रन बनाकर आउट हो गए। इससे पहले सचिन के चार कैच छूटे थे। उनकी इस शानदार पारी ने भारत का स्कोर 260/9 पहुंचा दिया था।

दूसरी ओर, पाकिस्तान की ओर से सिर्फ मिस्बाह-उल-हक (56) ने 50 रन से अधिक की पारी खेली। इस महामुकाबले में भारतीय गेंदबाजी ने पाकिस्तान के टॉप ऑर्डर की कमर तोड़ दी थी। भारत के सभी गेंदबाजों (जहीर खान, आशीष नेहरा, मुनाफ पटेल, हरभजन सिंह, युवराज सिंह) ने दो-दो विकेट लिए।

मैच का रिजल्ट: भारत शानदार जीत दर्ज करते हुए 1983 के बाद पहली बार विश्व कप फाइनल में पहुंचा।

6: भारत बनाम पाकिस्तान, 15 फरवरी, 2015 (भारत 76 रनों से जीता)

एडिलेड ओवल विराट कोहली (107) की शतकीय पारी और सुरेश रैना (74) और शिखर धवन (73) के अर्धशतक के साथ-साथ मोहम्मद शमी के शानदार चार विकेट का गवाह बना।

भारत ने पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया और 300/7 का स्कोर खड़ा किया। पहली बार भारत ने अपने पड़ोसी और चिर-प्रतिद्वंद्वी देश के खिलाफ वर्ल्ड कप मैच में 300 से अधिक का स्कोर बनाया। पाकिस्तान के टीम 224 रन पर ही ढेर हो गई, उनकी ओर से कप्तान मिस्बाह-उल-हक ने 84 गेंदों पर सबसे अधिक 76 रन बनाए थे।

7: भारत बनाम पाकिस्तान, 16 जून, 2019 (भारत 89 रनों से जीता - डक वर्थ लुइस नियम  के अनुसार)

1999 - भारत बनाम पाकिस्तान, मैनचेस्टर। भारत जीता

2019 - भारत बनाम पाकिस्तान, मैनचेस्टर । भारत जीता

बीस साल बाद भी पाकिस्तान को मैनचेस्टर में भारत के खिलाफ अपनी हार का सिलसिला खत्म करने के समीकरण को सुलझाने के लिए संघर्ष करते हुए देखा गया। क्यों? क्योंकि 'हिटमैन' रोहित शर्मा ने 2019 संस्करण में अपना दूसरा विश्व कप शतक (कुल मिलाकर तीसरा) लगाकर भारत का स्कोर 50 ओवरों में 336/5 पहुंचा दिया था। इसके बाद भारत ने शानदार गेंदबाजी करते हुए पाकिस्तान के बल्लेबाजी क्रम को बिखेरकर रख दिया और बारिश से प्रभावित मुकाबले में उन्हें 212/6 पर रोक दिया।

भारत बनाम पाकिस्तान: वनडे हेड-टू-हेड आंकड़े

मैच: 134

भारत जीता: 56

पाकिस्तान जीता: 73

कोई परिणाम नहीं: 5

टाई: 0

सर्वाधिक रन बनाने वाले खिलाड़ी:

भारत: सचिन तेंदुलकर - 2526 रन

पाकिस्तान: इंजमाम-उल-हक - 2403 रन

सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज:

भारत: अनिल कुंबले - 54 विकेट

पाकिस्तान: वसीम अकरम - 60 विकेट