किरोन पोलार्ड: मैं सिर्फ मुंबई इंडियंस के लिए खेलना और मुकाबले को फिनिश करना पसंद करूंगा
बीते एक दशक से किरोन पोलार्ड मुंबई इंडियंस के प्रशंसकों के बीच काफी चर्चित रहे हैं। उन्होंने कई बार अपने बल्ले से किए गए कमाल के जरिए लोगों को आश्चर्यचकित किया है। इस ऑलराउंडर खिलाड़ी ने एमआई के रंग में रंगकर एक समृद्ध विरासत तैयार की है।
टी20 क्रिकेट में 10,000 से अधिक रन बनाने वाले केवल दो बल्लेबाजों में से एक होने के नाते पोलार्ड क्रिकेट के इस छोटे प्रारूप में मुंबई इंडियंस के लिए एक अहम खिलाड़ी साबित हुए हैं। सच कहें तो यह एक असाधारण उपलब्धि है, खासकर एक ऐसे खिलाड़ी के लिए जिसने अपने पूरे करियर में हमेशान निचले क्रम में ही बल्लेबाजी की है।
क्रिकबज़ को दिए एक इंटरव्यू में पोलार्ड ने मुंबई इंडियंस के साथ अपने सफर, पांड्या भाइयों के साथ दोस्ती और सीएसके के खिलाफ अपने शानदार रिकॉर्ड के बारे में विस्तार से बात की। यहां पर हम उसी के कुछ अंश आपके लिए लेकर आए हैं।
मुंबई इंडियंस की मेरे दिल में है एक खास जगह
उनके इस शानदार सफर की शुरुआत तब हुई जब 2009 में ड्वेन ब्रावो के चोटिल होने के बाद मुंबई इंडियंस में पोलार्ड को उनकी जगह शामिल करने का सुझाव दिया गया। हालांकि, हैमस्ट्रिंग की चोट की वजह से उनके आईपीएल के सफर की शुरुआत में थोड़ी देरी रही। चैंपियंस लीग टी20 में पोलार्ड ने 197.29 के स्कोरिंग रेट के साथ शानदार प्रदर्शन किया, जिसकी वजह से कई अन्य आईपीएल फ्रेंचाइजी भी उन्हें खरीदने में अपनी रुचि दिखाने लगीं।
"मुझे वह फोन कॉल याद है जब ब्रावो ने एमआई की ओर से बोलते हुए मुझे एमआई में शामिल होने और उसकी जगह लेने के लिए कहा था। मैं उत्साहित था और इसका इंतजार कर रहा था, लेकिन उस समय वेस्ट इंडीज का प्रतिनिधित्व करते हुए मुझे हैमस्ट्रिंग में चोट लग गई थी। फिजियो ने कहा कि मैं समय पर ठीक नहीं हो पाऊंगा, इसलिए ड्वेन स्मिथ को मौका मिला। लेकिन मैं हमेशा मानता हूं कि सब कुछ सही समय पर होता है। जब हम (त्रिनिदाद और टोबैगो) 2009 में चैंपियंस लीग टी20 टूर पर गए थे, हम फाइनल में हार गए। लेकिन यह मेरे लिए एक शुरुआत थी; किरोन पोलार्ड का जन्म उसी अंतरराष्ट्रीय मंच पर हुआ था।”
पोलार्ड को मुंबई इंडियंस ने आईपीएल नीलामी में 750,000 डॉलर में खरीदा। ऑलराउंडर ने स्वीकार किया कि बड़ी राशि को बहुत दबाव होने की वजह से ही दिया जाता है, लेकिन एमआई मैनेजमेंट ने उनको एक अच्छा माहौल दिया। उन्हें निचले क्रम में सेट कर दिया गया और उन्होंने लगातार मुकाबले का अंत करने का काम किया और उसके बाद से उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। पोलार्ड अपनी टीम के मालिकों का आभार व्यक्त करते हैं कि उन्होंने उसपर इस विश्वास को बनाए रखा।
“हमारे जीत हासिल करने से पहले ही मेरा मुंबई इंडियंस के साथ कॉन्ट्रैक्ट हो चुका था। मुझे कुछ महीनों बाद पता चल कि सभी फ्रेंचाइजी किरोन पोलार्ड को अपनी टीम में शामिल करना चाहती थीं। इसलिए, मैं नीलामी में गया और एमआई ने मुझे वहां खरीदा। मैं सबसे ज्यादा बोली लगाए जाने वाले खिलाड़ियों में से एक था। ऐसा सभी टीमों से पड़ने वाले दबाव की वजह से हुआ। हालांकि, मेरे आसपास के सभी लोग मेरी पीठ थपथपा रहे थे लेकिन मैं आईपीएल के इस माहौल और रोमांच का आनंद ले रहा था। मुंबई इंडियंस मेरे अच्छे और बुरे समय में मेरे साथ खड़ी रही है और मैं इस अवसर के लिए अंबानी परिवार का आभारी हूं। जैसा कि मैं हमेशा कहता हूं, मुंबई इंडियंस मेरे दिल में एक खास जगह रखती है। मुझे यकीन है कि वे भी मुझे अपनी टीम में पाकर खुश हैं।"
जब टीम को कड़ी टक्कर मिलती है तो मैं दबाव का लुत्फ उठाता हूं
एक मैच विजेता हमेशा कठिन परिस्थितियों में ही जन्म लेता है और पोलार्ड इस मामले में सबसे बेहतर साबित होते हैं। वह दबाव में और चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में बल्लेबाजी करना पसंद करते हैं। उनका मानना है कि ऐसी परिस्थिति में उनका सर्वश्रेष्ठ सामने आता है। 2013 और 2019 में आईपीएल फाइनल जैसे बड़े मुकाबलों में अपने प्रदर्शन के बारे में बात करते हुए या कठिन परिस्थितियों के दौरान उन्होंने हमेशा अपना बेहतर दिया है।
"जब टीम किसी भी मुकाबले में पीछे होती है, तो आप अंत में एक नायक के तौर पर उभर सकते हैं। अक्सर जब टीम का सामना मुश्किल टीम से होता है तो मैं उस दबाव का पूरा लुत्फ उठाता हूं। एक आसान मुकाबला किसी को याद नहीं रहता। आपको फाइनल याद रहते हैं, आपको वह समय याद रहता है जब टीम मुश्किल में होती है और अच्छा करती है। मुझे ऐसे मुकाबलों में मजा आता है। उन कठिन परिस्थितियों में (खासकर फाइनल में) खुद को साबित करने का कोई दूसरा बेहतर तरीका नहीं होता है। जब आप फाइनल में पहुंचते हैं, तो आप यह बिल्कुल भी नहीं चाहते हैं कि आपकी सारी मेहनत बेकार चली जाए। अगर कोई दिन है जिस दिन आप अपना सर्वश्रेष्ठ देना चाहते हैं तो वह फाइनल का दिन होता है।"
एक परिवार की तरह हैं पांड्या ब्रदर्स
पांड्या भाइयों के साथ उनके संबंध क्रिकेट के मैदान से परे हैं। पोलार्ड ने उल्लेख किया कि कैसे वे सभी न केवल पावर-हिटिंग की बात करते हैं, बल्कि अपने व्यक्तिगत अनुभवों के साथ भी समान भावनाओं को साझा करते हैं।
“जब आप उन्हें क्रिकेट के प्रति उनके प्यार, उनके कमेंट और बचपन की कहानियों के बारे में बोलते हुए सुनते हैं, तो यह मन को छू जाता है क्योंकि मेरे पास भी ऐसी ही कहानियां हैं। दोनों के पास जो क्षमता है, उसको देखते हुए आप चाहते हैं कि वे हर बार बेहतर करें। कई बार हम रात में 3-4 बजे तक बात करते रहते हैं और अपने अनुभव साझा करते हैं और अपने खेल को सुधारने पर बात करते हैं। यह साथ बीते कुछ वर्षों में काफी बढ़ा है और अब पांड्या ब्रदर्स एक परिवार की तरह हैं।”
हार्दिक ने अक्सर कई मौकों पर पोलार्ड को प्रेरणास्रोत के रूप में बताया है। दोनों पिछले कुछ वर्षों में लगातार एमआई के लिए एक साथ फिनिशिंग करने का काम कर रहे हैं। पोलार्ड के अनुभव ने निश्चित रूप से हार्दिक को प्रभावित किया है जिन्होंने अपने खेल को एक अलग स्तर पर पहुंचाया है।
“जब हार्दिक 2015 में टीम से जुड़े, तो वह युवा और काफी जोश से भरे हुए थे। जब अगले सीजन में उनका भाई हमारे साथ जुड़ा तो हम सभी थोड़ा और करीब आ गए। मुझे उम्मीद है कि मैंने हार्दिक पांड्या को मेंटर करने में सही भूमिका निभाई है। जब आप इस तरह के प्रतिभाशाली खिलाड़ी को देखते हैं, तो वे क्रिकेट के मैदान पर कुछ ऐसा कर दिखाते हैं जिसकी लोगों को उम्मीद भी नहीं होती है। ऐसे में आप उनका मार्गदर्शन करना चाहते हैं, लेकिन साथ ही उन्हें उस युवा उत्साह और स्वभाव को बनाए रखने में मदद भी करें। हम हमेशा एक व्यक्ति के रूप में बस बड़ी छड़ी को नीचे रखने की कोशिश करते हैं, लेकिन कभी-कभी बस थोड़े से प्यार और समझ की जरूरत होती है।”
जब 30 गेंदों में 75 रन बनाने थे, मुझे लगा यह संभव है
पोलार्ड का चेन्नई सुपर किंग्स के खिलाफ रिकॉर्ड शानदार रहा है। इसपर उन्होंने कहा कि बड़े खिलाड़ियों का सामना करना उन्हें और भी अधिक सफल होने के लिए प्रेरित करता है। इसका एक प्रमुख उदाहरण इस सीज़न का शुरुआती मुकाबला रहा है, जिसमें उन्होंने 37 गेंदों में 84 रन की शानदार पारी खेली, जहां उन्होंने अपना पूरा ज़ोर लगाते हुए एमआई को जीत दिलाई।
“जब बड़े मुकाबलों और खास पलों की बात आती है, तब आप डटकर प्रदर्शन करना चाहते हैं। सीएसके के खिलाफ मेरा रिकॉर्ड कोई रहस्य नहीं है। मैं एमएस धोनी, ड्वेन ब्रावो, शेन वॉटसन आदि जैसे विश्व स्तरीय खिलाड़ियों के खिलाफ खेल रहा होता हूं। ऐसे में आप बस उनसे बेहतर करना चाहते हैं। इसे आईपीएल का एल क्लासिको माना जाता है। उस दिन पूरी ईमानदारी से हम सीएसके के खिलाफ उस मैच को जीतना चाहते थे। 5-6 मैचों से वे अच्छी गेंदबाजी कर रहे थे। अब हमारे पास उस मैच में अपनी काबिलियत साबित करने का एक अच्छा मौका था।”
अभी कुछ महीने पहले, किरोन की 24 गेंदों में नाबाद 60 की पारी ने एमआई को एक असंभव स्थिति से बाहर निकालते हुए RCB के खिलाफ मैच को टाई करने में मदद की थी। उन्होंने सुनिश्चित किया कि वह टीम को फिनिशिंग लाइन के पार ले जाएंगे। पोलार्ड ने जोर देते हुए कहा कि उन्होंने आरसीबी के खेल से आत्मविश्वास हासिल किया और उसी के अनुसार अपनी योजना बनाई।
“सीएसके के खिलाफ पारी एक तय रणनीति के तहत खेली गई, ठीक वैसे ही जैसे कुछ महीने पहले दुबई में आरसीबी के खिलाफ हमने मुकाबला खेला था। यह उन गेंदबाजों को चुनने और साथ खेलने के बारे में था जिनके बाद मैं गेंदबाजी करना चाहता था। मुझे अधिकतम स्पिन का एक ओवर रखना था और यहीं से मैंने शुरुआत की। क्रुणाल खराब गेंदों में भी बाउंड्री मार रहे थे। जब स्कोर 30 गेंदों में 75 पर आ गया, तो मैंने कहा ठीक है यह लक्ष्य हासिल किया जा सकता है। आप बस इतना जानते हैं कि आपको वहां से दो बड़े ओवरों की जरूरत है और आप उसी की तलाश में लग जाते हैं।”
मैं सिर्फ मुंबई इंडियंस के लिए खेलना और मुकाबले को फिनिश करना पसंद करूंगा
एमआई ब्लू एंड गोल्ड में एक दशक से अधिक के अनुभव के साथ पोलार्ड ने अंत तक इसी फ्रैंचाइजी का हिस्सा बने रहने की अपनी इच्छा व्यक्त की। इन वर्षों में ऑलराउंडर ने अपने बल्ले से कुछ शानदार पारियां खेली हैं, महत्वपूर्ण विकेट लिए हैं और मैदान पर एक शानदार एथलीट के तौर पर उभरे हैं।
उन्होंने कहा, "मुझे नहीं पता कि भविष्य क्या है। मैं सिर्फ मुंबई इंडियंस के लिए खेलना और फिनिश करना पसंद करूंगा। उम्मीद है कि मैं यहां काफी कुछ करना जारी रख सकता हूं। जब भी समय आएगा तो मैं केवल मुंबई इंडियंस की ही टी-शर्ट पहनना चाहूंगा। मुंबई इंडियंस के साथ 11-12 साल बिताना शानदार रहा है। इस फ्रैंचाइज़ी में सभी के द्वारा दिखाया गया भरोसा और सम्मान उल्लेखनीय है।”
कुछ ऐसा ही ड्वेन ब्रावो ने भी कहा, पोलार्ड के बिना मुंबई इंडियंस की कल्पना करना मुश्किल है।