2007 का वो लम्हा: बॉल आउट, छह छक्के और भारत बना WT20 चैंपियन

ऐसा लगता है जैसे यह कल की ही बात हो, लेकिन जोहान्सबर्ग में भारत के ब्लू रंग में रंगने वाली उस जादुई शाम को हुए पूरे 17 साल हो चुके हैं। 2007 का T20 वर्ल्ड कप ही वह सही दवा थी, जिसकी किसी फैन को उसी साल दिल तोड़ने वाले वनडे वर्ल्ड कप अभियान के बाद जरूरत थी।

लेकिन कभी-कभी क्रिकेट के मैदान पर अनोखी कहानियां लिखी जाती हैं, और एमएस धोनी की कप्तानी में टीम इंडिया का सफर कुछ ऐसा ही था। एक युवा टीम और उम्मीदों के बोझ के बिना, 'मेन इन ब्लू' ने पूरे दिल से खेला और सबसे भरोसेमंद प्रशंसक को भी चौंका दिया। 

सालों बाद भी, ये यादें हर फैन के दिल में ताजा हैं, चाहे वो युवा हो या बुजुर्ग। आइए, उन लम्हों को एक बार फिर से याद करते हैं।

भारत, पाकिस्तान, टाई और बॉल आउट से भरा रोमांचक मैच

भारत-पाकिस्तान मुकाबला हमेशा ही दर्शकों के लिए रोमांचक होता है, चाहे संदर्भ कुछ भी हो। डर्बन में हुए ग्रुप मैच ने इस रोमांच को नई ऊंचाईयों पर पहुंचा दिया। 40 ओवर के एक्शन के बाद भी दोनों टीमों का स्कोर बराबर रहा।

इसके बाद आया बॉल आउट! खेल का एक ऐसा क्लाइमैक्स, जो फुटबॉल-शैली के शूटआउट जैसा था। भारतीय गेंदबाजों ने हर बार टारगेट पर गेंद हिट की, जबकि पाकिस्तान के गेंदबाज एक भी बार स्टंप्स को हिट नहीं कर पाए। 3-0 का स्कोर और रॉबिन उथप्पा के टारगेट के बाद टोपी उतारकर सलाम करना, इस रोमांचक मुकाबले के यादगार लम्हे थे।

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6, 6, 6, 6, 6, 6

एक शानदार मुकाबला! युवराज सिंह की वजह से फैंस ने एक ऐसा करिश्मा देखा जो लंबे समय तक ताजा रहेगा। कभी भी युवी से पंगा मत लेना! एंड्रयू फ्लिंटॉफ ने इसे उस दर्द भरे अनुभव से सीखा। युवी ने फ्रेडी के साथ हल्की-फुल्की कहासुनी के बाद अपने बल्ले से अलग ही रंग दिखाया।

युवा स्टुअर्ट ब्रॉड ने इसका खामियाजा भुगता और पूरे मैदान में छह छक्के खाए। एमएस धोनी को नॉन-स्ट्राइकर एंड से इस जादू को करीब से देखने का सबसे अच्छा मौका मिला। युवराज की 12 गेंदों में 50 रन, एक बेमिसाल पारी थी और अब भी T20 वर्ल्ड कप में सबसे तेज अर्धशतक है, जिसने भारत को एक बड़े स्कोर वाले मैच में जीत दिलाई।

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रोहित शर्मा की शानदार पारी!

वह शायद अभी तक "हिटमैन" नहीं बने थे, लेकिन 20 साल के युवा रोहित शर्मा ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ डरबन में अपने शानदार प्रदर्शन से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में अपनी दस्तक दी। T20 अंतरराष्ट्रीय में पहली बार बल्लेबाजी करते हुए रोहित ने ऐसे समय पर अर्धशतक लगाया जब भारत को इसकी सबसे ज्यादा जरूरत थी।

भारत का स्कोर 33/3 था, तभी रोहित शर्मा क्रीज पर आए और उन्होंने ऐसा कारनामा कर दिखाया कि वह बड़े मंच के लिए बने हैं। जिसके लिए उन्हें "प्लेयर ऑफ द मैच" के रूप में चुना गया। इसके साथ ही साथ आरपी सिंह की शानदार गेंदबाजी और दिनेश कार्तिक का अद्भुत कैच ने इस जीत पर चार चांद लगा दिया।

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युवी, युवी, युवी

विश्व कप नॉकआउट मैच में ऑस्ट्रेलियाई टीम के खिलाफ होना किसी बुरे सपने जैसा हो सकता है और ऐसे में भारत का स्कोर एक समय पर आठ ओवर के बाद भारत का स्कोर 41/2 था, लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ, खासकर जब बड़े मैचों के खिलाड़ी युवराज सिंह क्रीज पर मौजूद थे।

अगले 2 ओवरों में मैदान पर मानो तबाही मच गई और भारत ने 188/5 का विशाल स्कोर खड़ा कर दिया। युवराज के 30 गेंदों में 70 रन ने पूरे मैच का रुख ही बदल दिया। अपनी बेहतरीन शैली में, उन्होंने ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों को काफी परेशान किया और लगातार छक्कों की बारिश कर दी। इतने साल बाद भी उस पल को याद कर रोंगटे खड़े हो जाते हैं!

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“श्रीसंत का वो शानदार कैच, भारत का लंबा इंतजार खत्म!”

यह एक शानदार फाइनल था, जहां चिर-प्रतिद्वंदी भारत और पाकिस्तान फिर से आमने-सामने थे। इससे पहले बॉल आउट भी हुआ था। इससे बेहतर मुकाबला और नहीं हो सकता था। गौतम गंभीर ने बेहतरीन संयम दिखाते हुए 54 गेंदों में 75 रनों की शानदार पारी खेली और भारत को पहले बल्लेबाजी करते हुए एक सम्मानजनक स्कोर तक पहुंचाया। अंत में हिटमैन ने भी शानदार और एक छोटी पारी खेली।

आखिरी के ओवरों में एक अलग दृश्य देखने को मिला, जब कप्तान एमएस धोनी ने एक चौंकाने वाला निर्णय लिया। उन्होंने आखिरी ओवर के लिए जोगिंदर शर्मा को गेंदबाजी सौंपी और यह फैसला मास्टरस्ट्रोक साबित हुआ।

हालांकि, उन्होंने दूसरी गेंद पर छक्का खाया, लेकिन जोगी ने हिम्मत दिखाते हुए अगली ही गेंद पर मिस्बाह-उल-हक को आउट कर दिया।

श्रीसंत सिर्फ कैच लेने के लिए नहीं, बल्कि उन लाखों दिलों को थामने के लिए तैयार थे, जो मिस्बाह के स्कूप के साथ हवा में उठ गए थे। कैच जैसे ही हाथों में आया, जीत का जश्न शुरू हो गया और 24 साल के इंतजार का वो ऐतिहासिक लम्हा आखिरकार हकीकत बन गया!