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पीयूष चावला के हाथों में जादू है और वे हमारी टीम में पुरानी चतुर लोमड़ी की तरह हैं जो अपनी घूमती गेंदों से विपक्षी बल्लेबाजों को चकमा देते हैं।
वे कोई साधारण लेग स्पिनर नहीं है, बल्कि वे अपने लेग-ब्रेक, गुगली, टॉप-स्पिनर और अपनी 125+ किलोमीटर प्रति घंटे की तेज डिलीवरी के पूरी सटीकता से इस्तेमाल करना जानते हैं। इस प्रक्रिया ने उन्हें आईपीएल के 165 मैचों में 157 विकेट के साथ दूसरा सबसे अधिक विकेट लेने वाला स्पिनर बना दिया है। उन्होंने अपने अंतरराष्ट्रीय करियर में बहुत अधिक मैच नहीं खेले हैं, लेकिन बहुत सारे ऐसे पल हैं जो 17 साल की उम्र में उनके डेब्यू के बाद से उनकी गेंदबाजी को एक अलग पहचान दिलाते हैं। उनके करियर के अहम पलों में 2011 विश्व कप जीतने के अलावा केविन पीटरसन को अपनी गुगली से चकमा देना भी शामिल है।
दो बार के आईपीएल विजेता, पीयूष एक बार फिर से मुंबई इंडियंस के साथ खेलने के लिए वापस आ चुके हैं। यह हमारे साथ उनकी दूसरी पारी है। निश्चित रूप से यह समय है कि वे हमारे साथ एक खिताब जीतें!