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IPL 2015 के हाइलाइट्स, एक असाधारण टीम की वापसी की कहानी, जिसे आप कभी नहीं भूल सकते

By Mumbai Indians

अगर आप किसी को एक बेहतरीन और यादगार टीम के बारे में बताना चाहते हैं, तो उन्हें IPL 2015 में मुंबई इंडियंस के खेले गए मुकाबलों की कहानी बताएं। जी हां, दरअसल टेबल में निचले पायदान पर, सीज़न में अपनी हार से शुरुआत, और विदेशी खिलाड़ियों (कोरी एंडरसन और आरोन फिंच) के चोटिल होने से मुंबई इंडियंस के माथे पर शिकन की लहर थी।

हालांकि, ये वो सीज़न था जब मेन इन ब्लू एंड गोल्ड टीम को एक मंत्र मिला। जिसे वे आज तक नहीं भूल सके हैं। उस सीज़न में ऐसा लग रहा था कि मुंबई इंडियंस के खिलाड़ियों की किताब में हार शब्द कभी था ही नहीं, और टीम ने उसी विश्वास के साथ आगे के मुकाबलों में कड़ी मेहनत की और अपने विरोधियों को पस्त करते हुए आगे बढ़े।

आईपीएल की इस यादगार जीत की सालगिरह पर हम जश्न मना रहे हैं, और हम वर्ष 2015 से मेन इन ब्लू एंड गोल्ड के उन यादगार हाइलाइट्स को देखते हैं।

टीम की धीमी शुरुआत और एक शानदार वापसी

मुंबई के खिलाड़ियों ने केकेआर के खिलाफ 7 विकेट से हारकर सीजन की शुरुआत की। इसके बाद पंजाब, आरआर और सीएसके के खिलाफ हार का सामना करना पड़ा, और चार मुकाबलों के बाद आपकी टीम ने अभी तक अपना आईपीएल 2015 में जीत का खाता तक नहीं खोला था।

और फिर सीजन के अपने पांचवें मैच में मुंबई ने वापसी करते हुए आरसीबी के खिलाफ जीत हासिल की। हालांकि दुर्भाग्यवश टीम ने एक मैच जीतकर दो अंक हासिल किए, और फिर इस बार डीडी के खिलाफ हार का सामना करना पड़ा। इससे मुंबई इंडियंस के प्रशंसक काफी मायूस हो गए, और हर तरफ आलोचना होने लगी। वहीं, टीम को अगले आठ मुकाबलों में कम से कम सात मुकाबलों में जीत हासिल करनी थी, तब ही टीम प्लेऑफ में जगह बनाने में कामयाब होती।

और फिर क्या, मुंबई ने सीजन में अपनी धमाकेदार वापसी की और आलोचकों का मुंह बंद कर दिया। जहां टीम ने लगातार पांच मुकाबलों में जीत हासिल की, जिसमें एसआरएच, आरआर, पंजाब, दिल्ली और सीएसके को करारी मात दी। वहीं, आरसीबी ने एक रन से मुंबई के विजय रथ को रोक दिया। लेकिन अब टीम का मकसद साफ था कि वे यहां मुकाबला करने के लिए हैं। जैसा कि पोलार्ड ने अभी हाल ही में कहा था, "आप हमें ऐसे ही कुछ भी नहीं लिख सकते"। फिलहाल टीम इस तरह शीर्ष चार में अपनी जगह बनाने में कामयाब हो गई।

 इस सीजन में सिमंस, रोहित और पोलार्ड का दबदबा रहा

एरोन फिंच के बाहर होने के बाद टीम ने लेंडल सिंमस को अपने साथ शामिल किया। बाद में मालूम चला कि यही वो खिलाड़ी थे, जिसकी टीम को हमेशा जरूरत थी। बता दें कि उन्होंने 13 मैचों में 540 रन बनाए, जिसमें उनके 6 शानदार अर्धशतक शामिल थे। यही नहीं, वो मुंबई इंडियंस के टॉप स्कोरर खिलाड़ी भी रहे, और पूरे टूर्नामेंट में डेविड वार्नर के बाद दूसरे सबसे सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी थे।

 इसके साथ ही कप्तान रोहित शर्मा के बल्ले से भी रन बरसे। उन्होंने कुल 482 रन बनाए, जिसमें उनके चार बेहतरीन अर्द्धशतक भी शामिल थे। पहला मुकाबला हारने के बाद रोहित शर्मा की नाबाद 98 रनों की पारी ने ये साबित कर दिया कि वो किसी भी मौके के लिए फिट हैं।

 इस सीज़न में किरोन पोलार्ड भी पीछे नहीं रहे, उन्होंने 419 रन बनाए। बताते चलें कि उन्होंने 2013 के सीज़न में 420 रन बनाए थे। इसके साथ ही उनका स्ट्राइक रेट भी शानदार था। उन्होंने इस सीज़न में 28 छक्के जड़े। हालांकि अधिकांश खिलाड़ी टॉप स्कोरर की सूची में 120-140 की स्ट्राइक पर रहते है, लेकिन इस सीज़न में किरोन पोलार्ड का  स्ट्राइक रेट 163.67 था।       

 मुंबई की तरफ से मलिंगा शीर्ष पर और मैक्लेनाघन दूसरे स्थान पर रहें  

इस टूर्नामेंट के आखिरी में मुंबई इंडियंस के तेज गेंदबाज लसिथ मलिंगा का दबदबा देखने को मिला। उन्होंने आईपीएल में अब तक कै सबसे ज्यादा विकेट अपने नाम किए थे। जहां उन्होंने तेज गेंदबाजी का नेतृत्व करते हुए, 15 मुकाबलों में 24 विकेट झटके। इस दौरान एसआरएच के खिलाफ उनका शानदार प्रदर्शन देखने को मिला, उन्होंने 23 रन देकर चार विकेट चटकाए। जिससे इस मैच में मुंबई को कुल 157 रनों का बचाव करने में मदद मिली।

हालांकि उन्हें मिशेल मैक्लेनाघन से काफी मदद मिली, जो टूर्नामेंट के बीच में कोरी एंडरसन की जगह आए थे। जहां उन्होंने एसआरएच के खिलाफ मुंबई के दूसरे मैच में 16 रन देकर 3 विकेट अपने नाम किए। इससे उन्होंने अपने आपको साबित कर दिया कि वो टीम में किसलिए आए हैं। यही नहीं, मिशेल ने 12 मैचों में 18 विकेट अपने नाम किए थे। 

 इस तरह सीजन में दोनों गेंदबाजों ने विपक्ष की बल्लेबाजी क्रम को घुटनों पर ला खड़ा किया था। जहां मलिंगा की कमान और मिशेल की धारदार गेंदबाजी की मदद से टीम महत्वपूर्ण मुकाबले अपने पक्ष में करने में सफल रही थी।

 हार्दिक का एक शानदार डेब्यू सीजन

मुंबई इंडियंस के लिए हार्दिक ने डेब्यू करते हुए, आरसीबी के खिलाफ खेला, और दूसरी ही गेंद पर एक शानदार छक्का लगाया। इस मैच में उन्होंने नाबाद रहते हुए 6 गेंद पर 16 रन बनाए, और इसमें उनके दो गगनचुंबी छक्के शामिल थे। उन्होंने अपने डेब्यू मैच में दर्शकों को ये एहसास दिला दिया कि अगर आप में हिम्मत है तो आप कुछ भी कर सकते हैं।

 यही नहीं, उनका असली खेल तो सीएसके खिलाफ दूसरे लीग मैच में देखने को मिला। जहां मुंबई को जीतने के लिए 12 गेंदों पर 30 रनों की जरूरत थी और हार्दिक क्रीज पर थे। ऐसे में सीएसके के लिए गेंदबाजी करने पवन नेगी आए, और इस नौजवान के ओवर में ताबड़तोड़ छक्के लगे। जिसमें इन चार छक्कों में हार्दिक के नाम पर तीन छक्के थे, और उस ओवर में एक लेग बाई की वजह से आखिरी ओवर में 5 रनों की दरकार थी। इस तरह टीम ने आसानी से यह मुकाबला अपने नाम कर लिया। इस दौरान हार्दिक ने नाबाद रहते हुए 8 गेंदों पर 21 रन बनाए, और चेपॉक में सीएसके को दो साल में पहली हार का सामना करना पड़ा। वहीं, मुंबई ने लगातार पांचवीं जीत अपने नाम दर्ज की।

बताते चलें कि हार्दिक का बल्ला यहीं नहीं रूका, उन्होंने सीजन के अपने तीसरे मैच में एक शानदार पारी खेली। जहां हार्दिक ने नाबाद रहते 31 गेंदों पर 61 रन बनाए, जिससे एमआई के लिए प्लेऑफ में जगह बनाने की राह आसान हो गई। इन खेलों में उनकी दस्तक ने उन्हें न केवल मैन ऑफ द मैच का पुरस्कार दिया, बल्कि टीम को जीत की टेबल में ऊपर ले गए और आखिरकार टीम प्लेऑफ में भी पहुंच गई।

 SRH और KKR के खिलाफ करो या मरो का मुकाबला

शुरुआत के छह मुकाबलों में पांच में मिली हार के बाद, एमआई को अगले आठ मैचों में सात मैचों में जीतना जरूरी था। वहीं, टीम ने आगे शानदार वापसी करते हुए अगले पांच मैचों में जीत हासिल की और आरसीबी के खिलाफ एक मुकाबले में हार का सामना करना पड़ा। ऐसे में मुंबई को बचे अगले दो मैचों में कोई गलती करने की गुंजाइश नहीं थी। जहां उनको केकेआर और एसआरएच के खिलाफ मैच खेलना था।

 वहीं, केकेआर के खिलाफ खेले गए मैच में मुंबई इंडियंस के युवा खिलाड़ी हार्दिक पांड्या ने शानदार प्रदर्शन किया।  उन्होंने नाबाद रहते हुए 31 गेंदों पर 61 रनों की शानदार पारी खेली, और इस तरह चार विकेट के नुकसान पर एमआई का स्कोर 171 रन हुआ। साथ ही खेल आखिरी मोड़ पर आ पहुंचा था, और एमआई को जीतने के लिए 12 गेंदों का बचाव करना था। फिर ऐसे हालात में पोलार्ड के कंधे पर जिम्मेदारी आई, उन्होंने शानदार गेंदबाजी करके विरोधियों  को हैरत में डाल दिया। इसी के साथ मुंबई ने प्लेऑफ की तरफ एक कदम आसानी से बढ़ाने में सफलता हासिल की।

 हालांकि, अभी प्लेऑफ में जाने से पहले मुंबई को आखिरी मुकाबला एसआरएच के खिलाफ खेलना बाकी था। जहां मुंबई के गेंदबाज काफी दबाव में थे, लेकिन उन्होंने अपनी गेंद से शानदार कला दिखाई और एसआरएच के बल्लेबाजों को मुश्किल में डाल दिया। मैच में मिशेल ने अपनी गेंदबाजी से कला दिखाते हुए 16 रन देकर 3 विकेट हासिल किए, वहीं मलिंगा ने 17 रन देकर दो विकेट चटकाए। यही नहीं, स्पिनर जे सुचित भी पीछे नहीं रहे उन्होंने 14 रन देकर 2 विकेट झटके। इस तरह एमआई के गेंदबाजों ने एसआरएच को 20 ओवरों में ऑलआउट कर उन्हें 113 रनों पर ही रोक दिया। इस तरह एमआई के बल्लेबाजों को मैदान पर इस स्कोर के लिए ज्यादा पसीना नहीं बहाना पड़ा, क्योंकि सिमंस की 48 रनों का पारी और पार्थिव पटेल ने नाबाद रहते हुए 51 रनों की शानदार पारी खेली। इसी के साथ ही मुंबई इंडियंस ने प्लेऑफ में आसानी से अपनी जगह बनाने में सफल हुई।

 फाइनल में कप्तान का शानदार प्रदर्शन, और टीम की प्रचंड जीत

मुंबई इंडियंस इस टूर्नामेंट में चौथी बार अपनी प्रतिद्वंद्वी टीम सीएसके के सामने थी, जहां इस मैच में मुंबई के बल्लेबाजों ने एक हैरतअंगेज प्रदर्शन कर सीएसके के गेंदबाजों को पस्त कर दिया। हालांकि इस मैच का अंत उतना ही दिलचस्प रहा, जिस तरह एमआई के प्रशंसकों को अनुमान था। 

 मुंबई ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 5 विकेट के नुकसान पर 202 रनों का स्कोर खड़ा किया। जहां इस दौरान सिमंस ने 45 गेंदों पर 68 रनों की शानदार पारी खेली, तो कप्तान रोहित शर्मा ने नाबाद रहते 26 गेंदों पर 50 रनों की धमाकेदार पारी खेली। हालांकि सीएसके के सलामी बल्लेबाज ड्वेन स्मिथ ने भी 48 गेंद पर 57 रनों की पारी खेली, लेकिन वो सीएसके के लिए प्रभावी नहीं रहा और टीम लगातार अपने विकेट गंवाती रही।

 इस मैच में मुंबई के गेंदबाज भी पीछे नहीं थे, जहां मिशेल ने तीन विकेट हासिल किए, तो मलिंगा और अनुभवी स्पिनर हरभजन सिंह ने भी दो-दो विकेट झटके। इस दौरान तेज गेंदबाज विनय कुमार भी पीछे नहीं रहे उन्होंने भी एक विकेट लिया। आखिरी में एमआई ने सीएसके को 41 रनों से करारी मात देते हुए आईपीएल के इस सीज़न के खिताब पर कब्जा कर लिया।

मुंबई इंडियंस का कभी हार न मानने वाला रवैया अपने साथ एक प्यारी, मीठी यादें लेकर आया, जिसने हर क्रिकेट प्रशंसक को याद रखने के लिए इस टूर्नामेंट का खिताब दिया। यही नहींमुंबई इंडियंस के हर खिलाड़ी को अपने आप में आत्मविश्वास, और हर प्रशंसक को खुश रहने की एक वजह दी, जिसे कभी नहीं भूला जा सकता है।