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बॉयज अंडर-14, अंडर-16 और गर्ल्स अंडर-15 कैटेगरी में कुल 64 टीमों के साथ एमआई जूनियर के नागपुर चरण का शुभारंभ

By Mumbai Indians

तीसरे एमआई जूनियर इंटर-स्कूल क्रिकेट टूर्नामेंट का नागपुर चरण आज कुर्वे ग्राउंंड, दीक्षाभूमि, दक्षिण अंबाझरी रोड, नागपुर में शुरू हो गया है। 

टूर्नामेंट का उद्घाटन विदर्भ क्रिकेट एसोसिएशन (वीसीए) के अधिकारियों ने किया, जो नागपुर चरण के उद्घाटन मैच में भी मौजूद थे। 

नागपुर चरण में मैचों के लिए कुल 64 टीमों ने तीन कैटेगरी (बॉयज: U14 और U16, गर्ल्स : U15) के अंतर्गत रजिस्ट्रेशन कराया है। कुल मिलाकर 200 से अधिक स्कूलों के 2500 से अधिक बच्चों ने तीन शहरों मुंबई, पुणे और नागपुर में एमआई जूनियर टूर्नामेंट के लिए नामांकन किया है। 

इसके अलावा पहली बार इस टूर्नामेंट में महिला अंपायर और स्कोरर इसका हिस्सा बन रहे हैं, जिन्हें तीनों शहरों में कार्य करने वाले क्रिकेट संघों से मान्यता प्राप्त है। 

एमआई जूनियर, मुंबई इंडियंस की मालिक श्रीमती नीता अंबानी की एक पहल है, जो शैक्षिक पाठ्यक्रम के हिस्से के रूप में खेलों को बढ़ावा देने की ध्वजवाहक रही हैं और ESA (सभी के लिए शिक्षा और खेल) सहित रिलायंस फाउंडेशन के जरिए कई जमीनी स्तर की खेल पहल की अगुवाई कर रही हैं। 

पिछले सीजन की तरह ही इस बार भी मुंबई, पुणे और नागपुर के टूर्नामेंट के विजेताओं के लिए एक और खास इनाम दिया जाएगा, जो कि मुंबई इंडियंस कोचिंग टीम के एक सदस्य के मार्गदर्शन में प्रशिक्षिण और जरूरी जानकारी प्राप्त करने का मौका होगा। 

इस टूर्नामेंट के जरिए एमआई जूनियर युवा पीढ़ी के बीच खेल की भावना को बढ़ाना चाहता है और खेल को शिक्षा प्रणाली का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बनाने के लिए जोर देता है। इसमें रिलायंस फाउंडेशन का ESA एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। 

ESA (सभी के लिए शिक्षा और खेल) रिलायंस फाउंडेशन की प्रमुख पहलों में से एक है, जो विकास के लिए शिक्षा और खेल के अपने फोकस एरिया को जोड़ती है और मुंबई इंडियंस 2010 से ESA का समर्थन कर रही है। ESA पहल के जरिए अपना पूरा ध्यान शिक्षा और खेल पर केंद्रित करके पूरे साल कई स्पोर्टिंग प्रॉपर्टी जैसे खेल मैदान और क्लबों में सुविधाएं, प्रशिक्षण, बुनियादी ढांचा और उपकरण प्रदान करके खेल के इकोसिस्टम की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए संपूर्ण विकास करना चाहती है। 

बच्चों को मुंबई इंडियंस का लाइव होम गेम देखने का मौका भी मिलता है, जिसे प्यार से 'ESA डे' कहा जाता है।