अपनी कप्तानी से लेकर चैंपियनशिप की लालसा तक, जानिए रोहित शर्मा ने क्या कहा
हमारे कप्तान और अब टीम इंडिया के सीमित ओवरों के फॉर्मेट के कप्तान रोहित "हिटमैन" शर्मा ने एक लीडर के रूप में अच्छा रिकार्ड बनाया है। उन्होंने मशहूर खेल पत्रकार बोरिया मजूमदार के साथ बातचीत की, जिन्हें रोहित प्यार से दादा कहते हैं, रोहित ने अपने नेतृत्व की बारीकियों और पर्दे के पीछे क्या-क्या होता है, वो सब बताया, जो उन्हें सफल बनाता है।
वर्ल्ड कप जीतने की इच्छा पर:
"जब आप खेल खेलते हैं तो आप सबसे अच्छी चीज हासिल करना चाहते हैं, जो मुझे लगता है कि वह चैंपियनशिप जीतना है। आप कई रन और कई 100 रन बनाएंगे, लेकिन चैंपियनशिप जीतना आपके साथ हमेशा रहता है क्योंकि आप एक टीम के रूप में इस जीत को हासिल करते हैं। कुल मिलकार हम एक टीम-गेम के रूप में खेलते हैं और मैं इस टीम के लक्ष्य को हासिल करना चाहता हूं, जो चैंपियनशिप जीतना है। इसे हासिल करने के लिए हमारे पास खिलाड़ी और सहयोगी स्टाफ हैं। यह सही तौर पर बहुत दबाव और अपेक्षाओं के साथ आता है। मैं अपने खिलाड़ियों को सुरक्षा और खुद को अभिव्यक्त करने की आजादी देकर इसे आसान बनाना चाहता हूं।"
उनकी कप्तानी की फिलॉस्फी पर:
'मुझे लगता है कि कप्तान को टीम में बैकसीट लेने की जरूरत इसलिए है क्योंकि उसे अपने खिलाड़ियों को आगे बढ़ने और अपना काम करने देना चाहिए। इसके अलावा उसे बैकसीट लेने की जरूरत है इसलिए भी है, क्योंकि वहां से वह अपने खिलाड़ी के कंधों पर अपना हाथ आसानी से रख सकता है और उनका मार्गदर्शन कर सकता है। एक कप्तान अच्छा तभी दिखता है जब उसकी टीम अच्छा प्रदर्शन करती है और इसके विपरीत। मेरा मानना है कि मेरी भूमिका इससे ज्यादा मैदान से बाहर है। क्योंकि खेल से पहले पूरी तैयारी की जाती है। एक बार जब आप मैदान पर पहुंच जाते हैं तो यह केवल उन तीन घंटों और खिलाड़ियों के खेल के बारे में होता है। तैयारी, आराम, आजादी, योजना रणनीति यह सब खेल से पहले तय होता है। खेल शुरू होने के बाद ज्यादा बदलाव नहीं होते हैं।"
उनके टेस्ट करियर पर:
"मैं हमेशा की तरह जीत का भूखा हूं। मुझे फॉर्मेट पसंद है और मैं अच्छा प्रदर्शन करना चाहता हूं और सफल होना चाहता हूं। हमें विपक्षी टीम द्वारा हर मिनट चुनौती दी जाती है, इसलिए हम जानते हैं कि यह हमेशा सफल नहीं होने वाला है, इसलिए मैं असफलता के लिए और आगे बढ़ने के लिए तैयार हूं। मैं उस प्रक्रिया को अच्छी तरह जानता हूं जो मैंने तय की है और मैं उसको फॉलो करूंगा। जब तक मैं भारत के लिए खेलता हूं, यह भूख रहेगी और यह कभी खत्म नहीं होगी।"
उनकी सफलता में रितिका की भूमिका पर:
"उसके बिना, यह सब जो मैं कर रहा हूं वह कभी संभव नहीं होने वाला था। क्योंकि, आपकी कुछ जिम्मेदारियां हैं, जो आप जानते हैं। और अब मेरी एक छोटी बेटी है। वह पूरी तरह से यह सुनिश्चित करने में लगी रहती हैं कि उसे हर चीज सबसे अच्छी मिले। और वह यह करने में एक बड़ी भूमिका निभा रही हैं कि मुझे इस बारे में चिंता करने की जरूरत नहीं है कि उसके साथ क्या हो रहा है। क्योंकि वह इसे बहुत अच्छी तरह से संभाल रही हैं, इसलिए मैं हर वक्त उस पर ध्यान लगा सकता हूं जो मैं कर रहा हूं।"
हिटमैन हमें आश्चर्यचकित करते रहते हैं। आइए आशा करते हैं कि एक नए युग की शुरुआत हमें हमारे कप्तान और हम दोनों को समान रूप से उन्नति की ओर ले जाए।
MI के मैनेजमेंट पर:
"मैंने मुंबई में जो किया है वह शानदार है, जो मेरे पास मौजूद खिलाड़ियों के कारण संभव हो सका है। ईमानदारी से कहूं तो, वहां मेरी भूमिका बहुत कम है। मेरे पास जो टीम थी वह शानदार थी। मैं सबसे पहले इस तरह के बेहतरीन खिलाड़ी को तैयार करने और फिर खिलाड़ियों के जाने और प्रदर्शन करने के लिए माहौल बनाने के लिए मैनेजमेंट को श्रेय देना चाहता हूं। ”