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सूर्यकुमार यादव की सर्वश्रेष्ठ पारियां, जिनके लिए आकाश की कोई सीमा नहीं है

By Mumbai Indians

सूर्यकुमार यादव के खेल का सफर लंबा, कठिन और मेहनत से भरा रहा है। सूर्या कभी निराश नहीं हुए जब उनपर संदेह किया जाता है, छोड़ दिया जाता है या बड़े स्तर पर अनदेखी की जाती है। वह इसे स्वीकार करते हैं, जब भी परिणाम उनके पक्ष में नहीं होते हैं तो वह सभी चीजों पर पहले से अधिक मेहनत करते हैं।

कुछ सालों में वह मुंबई इंडियंस टीम के लिए मिस्टर कंसिस्टेंट बन गए हैं और उन्होंने बार-बार यादगार प्रदर्शन किए हैं, उन्होंने अकेले दम पर बहुत कुछ किया है। उनकी दस्तक न केवल मनोरंजक है, बल्कि समय पर काफी महत्वपूर्ण है, जिससे टीम को सही तरीके से सहायता मिलती है।

उनका भारतीय रंगों में बहुप्रतीक्षित डेब्यू भी बहुत यादगार प्रदर्शन रहा। कुछ भी हो सूर्य ने उस विश्वास को हमेशा बरकरार रखा, जो चयनकर्ताओं ने आखिरकार उन पर दिखाया था।

उनके 31वें जन्मदिन पर उनके द्वारा खेली गई पांच विशेष पारियों पर एक नजर डालते हैं, भारत के लिए दो विशेष अर्द्धशतक और मुंबई इंडियंस के लिए तीन, ऐसा प्रदर्शन किसी और ने नहीं किया है।

57 (31) बनाम इंग्लैंड – इंटरनेशनल डेब्यू

इंटरनेशनल क्रिकेट में सूर्या अपनी एंट्री का ऐलान करने का सबसे अच्छा तरीका जानते थे। हालांकि, उन्हें अपने पहले मैच में बल्लेबाजी करने का मौका नहीं मिला, लेकिन अपनी पहली टी-20 पारी में उन्होंने एक शानदार अर्धशतक लगाया, जो हमेशा याद रखने के लिए काफी है।

सूर्या का पहली ही गेंद में जोफ्रा आर्चर को फाइन लेग के ऊपर से बाहर भेजना यह दिखाता है कि वह इन सभी सालों में यह क्या करने का इंतजार कर रहे थे। इसके बाद  उन्हें कोई नहीं रोक पाया था। इस दौरान उन्होंने 183.87 के स्ट्राइक रेट से 57 रन बनाए, जिसमें छह चौके और तीन छक्के शामिल थे। पहले गेम में उन्हें बल्लेबाजी करने को मिली। सूर्या 'प्लेयर ऑफ द मैच' का खिताब अपने नाम किए।

53 (44) बनाम श्रीलंका

इस साल जुलाई में भारत ने एक ऐसी टीम के साथ श्रीलंका का दौरा किया, जो चयनकर्ताओं की पहली पसंद नहीं थी। वहीं सफर के अंत में हैरानगी भरी खुशियां सामने आईं, जिसमें लोगों को अपार संभावनाएं दिखाई दी। सूर्या का खेल उनमें से एक था।

दूसरे एकदिवसीय मैच में सूर्या की 53 (44) की पारी थी जो स्वर्ण स्कोर के लायक थी। कोलंबो के आर प्रेमदासा स्टेडियम में जब शीर्ष तीन विकेट 13, 29 और 1 रन के साथ गिर गए तो उन्होंने अपनी गति को स्थिर कर दिया और दूसरी ओर दीपक चहर (69) के साथ सूर्या ने भारत को 277/7 के कुल स्कोर तक पहुंचाया।

72 (47) बनाम आरआर - 2018

सूर्या के इस प्रदर्शन को आने वाली टीम की दस्तक कह सकते हैं। यह वह खेल था, जिसमें उन्होंने टूर्नामेंट में एक सलामी बल्लेबाज के रूप में अपनी क्षमता का प्रदर्शन किया, जहां उन्होंने 500 से अधिक रन बनाए थे, यह उन पर सवाल उठाने वाले सभी लोगों के लिए करारा जवाब था।

उन्होंने 153.19 के शानदार स्ट्राइक रेट से 72 (47) रन बनाए। उनकी पारी में छह चौके और तीन छक्के थे और भले ही हार के कारण मुंबई इंडियंस को राजस्थान रॉयल्स के खिलाफ 167/7 पर पहुंचा दिया। हालांकि, यह कुल योग सूर्या के क्रीज पर रहने के कारण संभव हुआ, जिन्होंने ईशान किशन के साथ 129 रनों की साझेदारी की, जो कि एकमात्र स्थायी पारी थी।

हालांकि एक हार के कारण इस प्रदर्शन ने कई लोगों को दिखाया कि सूर्य के खेल को सभी से सम्मान क्यों मिला।

71* (54) बनाम सीएसके - 2019

2019 में सूर्य का यह शानदार प्रदर्शन इस बार क्वालिफायर 1 गेम में फिर से आया। जिन खिलाड़ियों के लिए क्रीज पर बने रहना और अपना खेल खेलना मुश्किल हो रहा था, उस दिन सूर्या ने जमकर खेला और टीम की जिम्मेदारी ली। इसके साथ ही टीम एक और आईपीएल के फाइनल में पहुंची। 

चेपॉक में अकेले दम पर सूर्या के नाबाद 71 (54) में दस चौके थे, जिसके माध्यम से उन्होंने लगभग चेन्नई सुपर किंग्स द्वारा मैदान में निर्धारित 131 रनों के लक्ष्य का पीछा किया।

79* (43) बनाम आरसीबी - 2020

यह खेल हर मायने में बेहतरीन था। हाल ही में सूर्या को नेशनल टीम की लिस्ट से हटा दिया गया था, उनके पास इस खेल में खुद को साबित करने का एक मौका था। आत्मविश्वास और शानदार स्ट्रोकप्ले के जरिए सूर्या की इस पारी की विशेषता बताई जा सकती है।

एमआई के पहले विकेट के नुकसान पर वह आए और अपना खेल उन्होंने बखूबी खेला। इस दौरान उन्होंने एक अनुभवी खिलाड़ी का खेल दिखाया। उन्होंने तीन छक्के और 10 चौकों की मदद से शानदार पारी खेली।

उनकी 183.72 की स्ट्राइक रेट ने एमआई को पांच गेंद शेष रहते हुए 165 रनों का पीछा करने में मदद की और स्ट्राइक रेट इतनी तेज थी कि टीम क्वालीफायर में प्रवेश करने वाली पहली टीम बन गई। मैच के बाद सूर्या का जश्न भी देखने लायक था!

ड्रामा, रोमांच और हुनर के साथ सूर्या जब मैदान में उतरते हैं तो बिल्कुल भी निराश नहीं करते। वह आते हैं, वह आत्मविश्वास से फायर करते हैं, वह टीम को आश्वासन देते हैं कि वह अपना काम पूरा करेंगे और अपनी पूरी ताकत के साथ फिनिशिंग लाइन की ओर आगे बढ़ते हैं।

सूर्या की कड़ी मेहनत और धैर्य ने उनका नाम आईसीसी टी-20 विश्व कप में शामिल किया है, जो आईपीएल के समापन के बाद अबू धाबी में होने वाला है। हम बड़े स्तर पर सूर्य के कैलिबर का पूर्ण प्रदर्शन देखने के लिए इंतजार नहीं कर सकते।

इस प्रतिभाशाली खिलाड़ी को जिसके लिए आकाश की कोई सीमा नहीं है, जो जहां भी जाता है, वहां सूरज की तरह चमकता है, उन्हें जन्मदिन की बहुत-बहुत शुभकामनाएं!